शुभ सुप्रभात...
लग्न पर दृष्टि फल ....सूर्य
लग्न पर सूर्य की दृष्टि जातक राज्यपक्ष से मन सम्मान प्राप्त करता है पिता और अपने परिवार के प्रति उसके मन में आदर होता है
दाम्पत्य जीवन में उसे प्राय: कलह का सामना करना पड़ता है अत: जातक के स्वाभाव में थोड़ी उग्रता आ जाती है ....
अध्यात्म की और उसकी रूचि होने से ऐसा जातक पूज-पथ में विशेष आस्था रखता है सूर्य से प्रभावित जातक स्वभावत: त्यागी (साधू ) स्वाभाव के होते हैं पर फिर भी कम, क्रोध, मोह लोभ आदि से ग्रसित होते हैं
चंद्रमा
लग्न को पूर्ण चंद्रमा देख रहा हो तो जातक स्वयं भी सुंदर और गोर वर्ण होता है तथा उसकी सहचरी भी सुंदर, गोर वर्ण वाली कोमलांगी होती है
ऐसा जातक संपन्न और विलासी होता है विपरीत लिंगी की और उसका विशेष झुकाव होता है यदि लग्न में शुक्र हो तो जातक को सहज ही सुंदर स्त्रियों का भोग प्राप्त होता है
लगन पर विभिन्न गृह दृष्टी...
ॐ श्री सद गुरुदेवाये नम: लग्न पर दृष्टि फल ....सूर्य
लग्न पर सूर्य की दृष्टि जातक राज्यपक्ष से मन सम्मान प्राप्त करता है पिता और अपने परिवार के प्रति उसके मन में आदर होता है
दाम्पत्य जीवन में उसे प्राय: कलह का सामना करना पड़ता है अत: जातक के स्वाभाव में थोड़ी उग्रता आ जाती है ....
अध्यात्म की और उसकी रूचि होने से ऐसा जातक पूज-पथ में विशेष आस्था रखता है सूर्य से प्रभावित जातक स्वभावत: त्यागी (साधू ) स्वाभाव के होते हैं पर फिर भी कम, क्रोध, मोह लोभ आदि से ग्रसित होते हैं
चंद्रमा
लग्न को पूर्ण चंद्रमा देख रहा हो तो जातक स्वयं भी सुंदर और गोर वर्ण होता है तथा उसकी सहचरी भी सुंदर, गोर वर्ण वाली कोमलांगी होती है
ऐसा जातक संपन्न और विलासी होता है विपरीत लिंगी की और उसका विशेष झुकाव होता है यदि लग्न में शुक्र हो तो जातक को सहज ही सुंदर स्त्रियों का भोग प्राप्त होता है
धन की उसे कमी नहीं होती वह सम्पूर्ण भोगो को भोगता है तथा देशाटन करता है लेकिन यदि चंद्रमा क्षीण या दुस्प्रभाव में हो तो विपरीत फल मिलते हैं .
- लग्न पर मंगल की दृष्टी जातक के स्त्री सुख में अल्पता लाती है, पति-पत्नी का दूर रहना या तलाक.... मंगल अपने स्थान से चौथे, सातवे और आठवे स्थान को पूर्ण दृष्टी से देखता है सप्तमस्थ मंगल की लग्न पर दृष्टि होने से द्वितीय भाव पर भी पूर्ण दृष्टि होती है फलत: नेत्र रोग होते हैं ऐसा मंगल जातक को पित्त रोग से पीड़ित करता है पुत्र सुख में न्यूनता लता है
- छटे भाव में होकर मंगल लग्न को देखे तो राज्य से सम्मान मिलता है तथा नौकरी में हो तो पद वृद्धि होती है
- लग्न बुद्ध से द्रष्ट हो तो जातक गणितज्ञ, ज्योतिष शास्त्र में पारंगत होता है आकर्षक व्यक्तित्व वाले इस जातक को पत्नी भी सुंदर मिलती है ऐसा जातक व्यापर कुशल होता है ...तथा व्यापर या राज्याश्रय से धनार्जन करता है ...उसे परिजनों से पूर्ण सहयोग मिलता है तथा वह धनि और दीर्घायु होता है यदि बुद्ध वक्री होकर लग्न को देख रहा हो तो जातक ग्रंथकार अथवा लेखक होता है
- लग्न पर गुरु की पूर्ण दृष्टि हो तो जातक चिरायु, सदाचारी, धर्म के प्रति आस्थावान एवं विद्वान होता है पत्नी सुलाक्ष्ना और पतिव्रत का पालन करने वाली तथा सुंदर होती है
- फलत: जातक का दाम्पत्य जीवन सुखी होता है ऐसा जातक बलवान एवं भाग्यवान होता है तथा वस्त्राभूषण एवं मकान आदि का उसे पूर्ण सुख मिलता है ....मेरा पता :- ३७/१ सुभाष नगर , मेरठ (UP) मोबाइल : 9634290878 , 9690507570
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