Saturday, 31 December 2011

Nav Varsh Mangalmay ho

"अपने समस्त Blogger  मित्रों को नव् वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
आपको नव वर्ष २०१२ शुभ हो !
आप सभी का प्रेम और आशीर्वाद मेरे पर हमेशi बना रहे!
आप और आपके परिजनों का जीवन सुख, शांति, एवं वैभवपूर्ण हो
चतुर्दिक सफलता आप सभी को प्राप्त हो"

"या देवी  सर्वभूतेषु सुख-शांति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये, नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमो नम:"

-आपका देवल दुबलिश,

Friday, 30 December 2011

New Year-2012 ke Vighn dosh shanti ke liye

समस्त श्रधालुओं के लिए नव वर्ष मंगलमय हो| एक छोटा सा उपाय समस्त विघ्न और बाधा से आपकी रक्षा करेगा-
 महामृत्युंजय मन्त्र का मानसिक जप करते हुए भगवन शिव की पिंडी पर एक लौंग का जोड़ा, ५ सफ़ेद फूल, ५ बूँद सरसों के तेल की, थोड़े काले तिल चढ़ाएं, ये सामग्री और जल अर्पित  कर प्रभू को चन्दन का इतर अर्पित करें (इतर की तीन बूँद लेकर अपने हाथ पर मले और फिर पिंडी पर दोनों हाथों से मलें  ) मन्त्र का मानसिक जप कम से कम २१ बार अवश्य करें|

महामृत्युंजय मन्त्र
'' ॐ हौं जूं स:, ॐ भूर्भुव स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय माम्रतात! स्व:  भुव:  भू:  ॐ !  स:  जूं  हौं ॐ!"

Monday, 26 December 2011

mahamritunjay sadhna

अथ महा मृत्युंजय साधना "मृत्युंजय के आठ हाथ दृष्टिगोचर हो रहे हैं, उपर के दो हाथों से वे दो कलश उठाये हुए हैं,
और नीचे वाले दो हाथों से वह सर पर जल डाल रहे हैं, सबसे नीचे वाले दो हाथों में भी वह कलश लिए हुए हैं! जिन्हें अपनी गोद में रखा हुआ है! सातवे हाथ में रुद्राक्ष और आठवे हाथ में मृग धारण कर रखा है! उनका  आसन कमल का है! उनके सर पर स्थित चंद्रमा निरंतर अमृत वर्षा कर रहा है
जिससे उनका शारीर भीग गया है! उन्होंने मृत्यु पर विजय प्राप्त कर ली है ! उनके बायीं ओर भगवती गिरिजा विराज रही हैं, जो उन्हें मंत्रमुग्ध निहार रही हैं"
महामृत्युंजय मन्त्र'' ॐ हौं जूं स:, ॐ भूर्भुव स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय माम्रतात! स्व:  भुव:  भू:  ॐ !  स:  जूं  हौं ॐ!"

Friday, 23 December 2011

Prabhoo ka Naam

एक बार माँ गिरिजा ने उत्सुक्तावस प्रभू भोलेनाथ से पूछा, "मेरी एक जिज्ञासा का निवारण करें प्रभू, कृपया मुझे बताएं की श्री हरी के नाम में अधिक शक्ति है या श्री भगवान में ? में जिज्ञासावस् यह पूछ रहीं हूँ आप इसे अन्यथा न लें" ? भोले नाथ ने मुस्कुराते हुए कहा- "इस बात को लेकर तो स्वयं श्री हरी ही भ्रम में पड़ गए थे, श्री राम के रूप में जब श्री हरी लंका जाने के लिए समुद्र पर पुल बनवा रहे थे तो वानर पत्थरों पर श्री राम नाम लिख कर पत्थर फेंकते थे और वे जल में तैर जाते थे| रात्री में उन प्रभू ने सोचा- 'ये रीछ,वानर, मेरे लिए कितना परिश्रम कर रहे हैं| दिन भर पत्थरों पर मेरा नाम लिख कर फेंकते हैं- क्यों न कुछ पत्थर में भी फेंक दूँ, जिससे उनका कम कुछ कम हो जायेगा"
यह सोच कर प्रभू उठे और एक पत्थर जल में फेंका तो वह डूब गया, कुछ आश्चर्य हुआ, उन्होंने दूसरा पत्थर फेंका वो भी डूब गया| मन में बड़ा खेद हुआ- सोचने लगे अच्चा हुआ की किसी ने नहीं देखा| वापस आकर मुड़े तो देखा की भक्त शिरोमणि खड़े मुस्कुरा रहे हैं, देख कर कुछ दुखी हो गए, तब तक पवनसुत ने उनकी व्यथा समझते हुए कहा की 'प्रभू, आप व्यर्थ ही दुखित हो रहे हैं| आप जिसका अपने से परित्याग कर देंगे उसका तो डूबना निश्चित है|"
सुनकर श्री राम कुछ प्रस्सन हुए और बोले, "हे पवनसुत तुम केवल भक्त ही नहीं बल्कि बुद्धिमान भी हो," प्रभू को प्रस्सन देखकर अंजनिपुत्र कहने लगे की प्रभू आप की अपेक्षा आपके नाम में अधिक शक्ति है'' श्री राम ने मुस्कुरा कर पुछा की क्या, सचमुच ऐसा है यह तो आश्चर्य की बात है" विनम्रता पूर्वक कपिश बोले, "प्रभू आप जानकर अनजान बन रहे हैं, स्वामिन आप ही बताएं की आप के दर्शन कितने लोगों को हो सकते हैं किन्तु आपका नाम का सहारा लेकर तो प्रत्येक व्यक्ति भाव सागर से पर हो सकता है, इसलिए कृपासिंधु ! अपने नाम की शक्ति से भक्तों को वंचित न करें, तुलसीदास जी ने कहा है, " कलियुग केवल नाम अधर, सुमिरि सुमिरि जन उतरेहीं परा"

Thursday, 22 December 2011

Shani Amavshya.24 h December-2011

‎24 दिसम्बर को शनि अमावस्या है। इस दिन भगवान शनि को विधि-विधान पूजन सभी मनोकामनाएं पूरी करता है। सा़ढ़ेसाती व ढैया प्रभावित जातक शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव का विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं। 24 दिसंबर को शनिश्चरी अमावस्या का मुहूर्त प्रातः 6.30 से प्रारंभ होकर रात्रि 3.40 तक रहेगा। ऐसे करें पूजा 1. शनिश्...चरी अमावस्या को सुबह या शाम शनि चालीसा का पाठ या हनुमान चालीसा का पाठ करें। 2. पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। 3. तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें। 4. अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें। 5. शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें। 6. इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें। जो फल प्रदान करता है। 7. काले रंग का श्वान इस दिन से पालें और उसकी सेवा करें।

Sunday, 18 December 2011

भक्त और भगवान

"वो चाल चल  कि उम्र ख़ुशी से कटे तेरी,
वो कम कर कि याद तुझे सब किया करें
जो जिक्र हो तेरा तो हो जिक्रे-खैर ही,
और नाम तेरा ले तो अदब से लिया करें"
(परन्तु  ये सब कुछ तभी होगा जब प्रतिदिन उस पुस्तक को पढोगे
जो इस शरीर  में विद्यमान है, जो आत्मा के लपेटे में बैठा है, जो जन्म
जन्म से इसके  साथ चला आ रहा है और तब तक साथ रहेगा, जब तक 
आत्मा को जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति नहीं मिल जाती /
यह है स्वाध्याय और उसका फल  )

Friday, 16 December 2011

''जो धन अत्यंत कलेश उठाने से, धरम का उल्लंघन करने से, गरीब का दिल दुखाने से और शत्रुओं के सामने सर झुके से प्राप्त होता हो उस धन का क्या लाभ''

sukti

''मनुष्य अकेला पाप करता है और बहुत से लोग मौज उड़ाते हैं, मौज उड़ने वाले तो मौज उड़ाकर भाग जाते हैं पर उसका कर्ता ही दोष का भागी होता है''