!!शुभ प्रभात वंदन दोस्तों ....जय श्री राधेकृष्णा!! जय माता दी।।
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!!ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: गुरुवे नम:!!
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प्रथम भावमें स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) नाक में चाँदी पहने ( धारण करे)
2) सोने की जंजीर गले में पहनें.
3) दरिया में सरसो का तेल प्रवाहित करें.
4) नदी में बादाम प्रवाहित करें.
5) चलते पानी में नारियल छोडे़.
6) गाय पाले या उसकी सेवा करें.
7) अछूत की सेवा करें.
8) केसर का तिलक लगाएं.
द्वितीय भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) चने का दाल मन्दिर में शिवजी पर चढा़ये.
2) गाय का पूजन करें.
3) कन्या का पूजन करें.
4) मन्दिर में दान दें.
5) अतिथि का सत्कार करें .
6) पूजा पाठ मे़ बिश्वास रखें.
तृ्तीय भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) कभी भी झूठ ना वोले सत्य के पालन करने का प्रयास करें.
2) किसी के भी साथ घात न करें अर्थात किसी को भी धोखा ना दें.
3) चोरी व अवैध तरीके से धन कमाने की प्रबृ्त्ति से बचे.
4) अण्डा, मीट, शराव इत्यादि का सेवन न करें.
5) किसी की चामचागिरी न करें.
चतुर्थ भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) अपने शरीर को नंगा न रखे (बदन पर कपडे़ रखे)2) बडे़-बूढे़ की आज्ञा का पालन करें.
3) शराव, अण्डा,मांस आदी का सेवन न करें.
4) तोता, भड़, बकरी इत्यादि न पालें.
5) घर में मन्दिर की स्थापना करें.
पचंम भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) दान के धन का उपयोग स्वयं के लिए न करे़.
2) कुत्ता अवश्य पालें या उसकी सेवा करे.
3) ईमानदार वनें कभी भी बेइमानी न करें.
4) दूसरे पर उपकार करें.
छटे भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) ब्राह्मण व गरु की सेवा करें2) पिता के साथ रहें व उनकी सेवा करें.
3) सोने की चेन पहने.
4) कुत्ता पालें या उसकी सेवा करें.
5) पीपल में जल दे़.
6) केसर का तिलक लगायें.सप्तम भाव के स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) शिवजी की पूजा करें2) व्यभिचार (अवैध सम्बन्धों से बचें)
3) अपने गृ्ह्स्थ जीवन मे़ सुख शान्ति बनाएं.
4) घर में मन्दिर की स्थापना करें.
अष्टम भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) शमशान में पीपल का पेड़ लगाएं.
2) चौथे घर में सूर्य को कायम करने के लिए सूर्य की वस्तुओं - गेहुँ, गुड़ को नदी में प्रवाहित करें.
3) घर में मन्दिर की स्थापना करें.
4) नारियल को वहते पानी में वहाएं.
5) चलते पानी में जौ प्रवाहित करें
नवम भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) नाक छेदन करवायें.
2) फिटकरी से दान्त साफ करें.
3) बडे़-बूढे़ का आदर करें.
4) चावल को चलते पानी में प्रवाहित करे़.
5) प्रतिदिन मन्दिर में दर्शन के लिए जाएं.
दशम भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) मन्दिर में बादाम चढाएं.
2) ताम्वे का पैसा दरिया में प्रवाहित करें.
3) चावल चलते पानी मे़ प्रवाहित करें.
4) शराव, अण्डा, मांस का उपयोग न करें.
5) घर मे़ मन्दिर की स्थापना ना करे़.
6) केसर का तिलक लगाएं.
एकादश भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) शराव, अण्डा, मांस का उपयोग न करें.2) पिता के साथ रहें व उनकी सेवा करें.
3) लावारिस लाश को कफन दान करें.
4) ताम्बे क कडा पहने.
द्वाद्श भाव में स्थित बृ्हस्पति के उपाय
1) शराव, अण्डा, मांस का उपयोग न करें.
2) झूठी गवाही ना दें.
3) पीपल की पूजा करें.
4) साधुओं की सेवा करें5) नाक को खुश्क व स्वच्छ रखें.
6) सबके साथ परोपकार करें.
7) सोते वक्त रात को सिरहाने पानी व सौंफ रखकर सोये.
8) माथे पर केसर का तिलक लगाएं.इस प्रकार लाल किताब के अनुसार बृ्हस्पति के उपाय करने से तुरन्त लाभ मिलता हैं.
नोट 1) एक समय में केवल एक ही यउपाय करें.
2) उपाय कम से कम 40 दिन और अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें.
3) उपाय में नागा ना करें यदि किसी करणवश उपाय नागा हो तो फिर से प्रारम्भ करें.
4) उपाय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक करें.
5) उपाय खून का रिश्तेदार ( भाई, पिता, पुत्र)
ज्योतिषविद :
देवल दुबलिश, मेरठ
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